Sunday, August 16, 2020

ARDHA HALASANA | अर्ध हलासन

अर्ध हलासन करते वक्त हमारे शरीर की मुद्रा खेत में काम करने वाले हल के समान होती है इसलिए इसे अर्ध हलासन नाम दिया गया है


उत्तानपादासन आसन जैसा ही अर्ध हलासन भी होता है| फर्क बस इतना है की उत्तानपादासन में पैर जमीन से लगभग एक से डेढ़ फुट ऊपर होते हैं जबकि अर्ध हलासन में पैर नब्बे डिग्री तक सीधे हो जाते हैं।


बाकि आसनो की तुलना में यह आसान सरल होता है। अगर आपने ये आसन कर लिया तो आप कठिन आसन भी कर सकते है। इसे करने से हलासन और उत्तानपादासन करने में सहायता होगी।


अर्ध हलासन कैसे करें -


1 सबसे पहले जमीन पर आसन बिछा ले और पीठ के बल लेट जाये।

2 अब हथेलियों को जांघो के बगल में जमीन की ओर रखे।

3 पैरो को आपस में मिला ले और 90 डिग्री तक ले जाये।

4 जिन लोगो के पेट बाहर है उनको शुरुआत में थोड़ा परेशानी होगी। वो 

5 शुरुआत में 70, 80 डिग्री करते हुए 90 डिग्री तक आने की कोशिश करे।

6 पैरों को सीधा रखे, घुटनो से मोडे नहीं|

7 हांथो के सहारे पैरों को उठाने का प्रयास न करे, कमर और पेट के बल पर 

   इसे उठाये।

8 अपनी सांसो की गति सामान्य रखे।

9 इसी स्थिति में कम से कम 3 मिनट तक रुके, फिर धीरे धीरे पैर को 

   जमीन पर लाये।

10 इस तरह इसे 3 से 4 बार करे।

11 आप चाहे तो इसे पहले एक पैर ऊपर लेकर वापस लाये ,फिर दूसरे पैर 

     के साथ करे|


अर्ध हलासन के लाभ -


1  कब्ज के रोगियों के लिए यह लाभदायक होता है।

2  इससे पैर में सूजन और झनझनाहट कम होती है|

3  अर्ध हलासन पेट के रोगो को दूर करता है।

4   सिक्स पैक बनाने के लिए लाभदायक होता है।

5   थाई और हिप्स की मसल्स को टोन करता है।

6   ब्लड सर्कुलशन बढ़ाता है साथ ही भूख को बढ़ाने में सहायक है।

7  हर्निया जैसी बीमारी में सहायक होता है।

8  लम्बर स्पोंडिलोसिस और गठिया रोग में सहायक होता है।

9  बेली फेट को कम करता है साथ ही शरीर के वेट को भी कम करता है।

10 इसे नियमित करने से गैस से पीड़ित लोगो को आराम मिलता है|

11 इस आसन को प्रतिदिन करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।

12 यह आंतो को मजबूत बनाता है और पाचन क्रिया को अच्छा रखता है।

13 यदि कमर में दर्द रहता है तो इसे दोनो पैरों से करने की बजाय बारी 

     बारी से एक पैर के सहारे करे। इससे आपकी कमर को फायदा होगा|

14 अगर आपकी नाभि की नस खिसक गयी हो तो इस आसन को 3 

      मिनट तक करे। नाभि अपनी जगह बैठ जाएगी।


ध्यान रखने योग्य बाते -


1  इसे करते समय सांसो की स्थिति सामान्य रखे अन्यथा आपके पैर 

    हिलने लगेंगे।

2  शुरुआत में अगर यह नहीं हो पा रहा है तो आप दिवार का सहारा भी ले 

    सकते है|

3  अगर आप 3 मिनट तक पैरो को 90 डिग्री पर नहीं रख पा रहे है तो 

4  पहले जितना हो सके उतनी देर रखे। फिर प्रतिदिन धीरे धीरे समय 

    बढ़ाते जाये।

5  जिसे हार्ट प्रॉब्लम, हाई ब्लड प्रेशर और बैक पैन हो वो इस आसन को ना 

    करे।

6  योगा एक्सपर्ट की देख रेख में ही इस आसन को शुरू करे|

7   प्रेग्नेंट महिलाए इस आसन को न करे|

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